"बेहिसाब मोहब्बत के ,
नुक्सान हजारों है
लिखत - खाता होता तो,
तुझे गिरवी रख लेता .........
चुब्ती घुटन का जवाब लेता
बिखरे ख़्वाबों का हिसाब लेता
घायल लम्हों का हिसाब होता
खुनी नब्ज़ का हिसाब लेता
करके दिवालिया तुझे .....
साथ तेरे जीने का करार होता
काश ! इस मोहब्बत का भी हिसाब होता !" :)
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