न जाने क्यूँ नूर - ऐ - शहजादा
कहते हैं चाँद को
वो खुद आधी ज़िन्दगी अकेले में बिताता है
सिर्फ सितारों के चमकने तक ही तो रहती है "चांदनी" उसकी भी
यही किस्सा तो हमारे साथ भी नज़र आता है ||
कहते हैं चाँद को
वो खुद आधी ज़िन्दगी अकेले में बिताता है
सिर्फ सितारों के चमकने तक ही तो रहती है "चांदनी" उसकी भी
यही किस्सा तो हमारे साथ भी नज़र आता है ||
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