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Thursday, 10 January 2013

Rejuvenating जब तक है जान



तेरी आँखों की मीठी शैतानियाँ
तेरे होठों की रंगीन निशानियाँ
तेरी जुल्फों की बेख़ौफ़ अदाकारियां
नहीं भूलूंगा मैं
जब तक है जान , जब तक है जान

तेरा सारे कसमे -वादे तोडना
तेरा खवाबो में भी आकर कोसना
तेरा सच्ची मोहब्बत से इसकदर खेलना
नहीं माफ़ करूँगा मैं
जब तक है जान , जब तक है जान

मदमस्त परिंदों के पीछे तेरे भागने से
बेवजह रोज - रोज तेरे इतराने से
मुझे छेड़ने वाली बेबाक शैतानियों से
मोहब्बत करूँगा मैं
जब तक है जान , जब तक है जान |

तेरी झूठी इश्क की बातो से
तेरे चुभते बे-रहम सवालों से
मेरे दर्द भरे इन ख्वाबो से
नफरत करूँगा मैं
जब तक है जान , जब तक है जान ...!!

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