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Saturday, 12 January 2013

शायद हम प्यार में है :)


"क्या ये फूल सारे गुलाब के हैं ?
और ये चेहरे सारे आफताब से हैं ?
या शायद हम प्यार में हैं |

ये चाँद ज्यादा मुस्कुरा रहा है |
ये सितारें ज्यादा चमचमा रहे हैं |
क्या ये सब आशिकी मिजाज में हैं ?
या शायद हम प्यार में है |

ये मैं इतना क्यूँ इतरा रहा ?
रोज़ मंदिर- मस्जिद जा रहा |
कोई नयी इबादत जहन में है ?
या शायद हम अब प्यार में है |

ये जो रूकती - रूकती साँसे है
और बेठिकाने से हो गए हम हैं |
कोई जादू-टोना तन-बदन पे हैं ?
या शायद हम भी अब प्यार के चंगुल में है |" :)

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