उस बरसाती बूँद की तरह
तेरा एक छोर उस पत्ते से बंधा है
और एक छोर तड़प रहा है
मेरी हथेली में आकर सिमटने के लिए।।
आज इन लकीरों की
तकदीर का इम्तेहान है। :)
तेरा एक छोर उस पत्ते से बंधा है
और एक छोर तड़प रहा है
मेरी हथेली में आकर सिमटने के लिए।।
आज इन लकीरों की
तकदीर का इम्तेहान है। :)
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