गर
होता मैं चाँद
तो ये जितने भी बुद्धिजीव
धरती पे कलम लिए बैठे है
इनसब पर
केस ठोक देता
जो देखो,
जिस ताल से मेल बैठा
वैसा ताल-मेल बैठा कर
हमरा लिंग परिवर्तन कर दिया
कभी किसी सामने वाली की खिड़की का आफ़ताब
कभी किसी महबूबा के माथे की बिंदिया
या अपना रिश्तेदार बनाए दिया
अरे भैया
हम जुनूनी Casanova है
पूरी रात चांदनी को बाहों में रखते है
और हजारो सालो से दिन-रात धरती के आजू-बाज़ू चक्कर मारते है।
धरती के attitude प्रॉब्लम से हम निपट लेंगे,
हमारी warning आप समझ जाओ
का है?
Casanova, समझे!
होता मैं चाँद
तो ये जितने भी बुद्धिजीव
धरती पे कलम लिए बैठे है
इनसब पर
केस ठोक देता
जो देखो,
जिस ताल से मेल बैठा
वैसा ताल-मेल बैठा कर
हमरा लिंग परिवर्तन कर दिया
कभी किसी सामने वाली की खिड़की का आफ़ताब
कभी किसी महबूबा के माथे की बिंदिया
या अपना रिश्तेदार बनाए दिया
अरे भैया
हम जुनूनी Casanova है
पूरी रात चांदनी को बाहों में रखते है
और हजारो सालो से दिन-रात धरती के आजू-बाज़ू चक्कर मारते है।
धरती के attitude प्रॉब्लम से हम निपट लेंगे,
हमारी warning आप समझ जाओ
का है?
Casanova, समझे!
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