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Wednesday 17 July 2013

Story of Rose

Story of Rose : On Rose day
किसी उन्स का , किसी मोहब्बत का
मुखबिर बनूंगा
या आज फिर तेरे
तकिये के नीचे मरूँगा
तू हर रोज़ , एक rose को मारता है
तू क्यूँ घबराता है
क्यूँ इश्क को छुपता है
आज मैं भी उससे मिलना चाहता हूँ
मेरी कीमत पे जिसको
तू हर रोज पाना चाहता है। :)

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