तेरे हाथो की लकीरे
मेरे हाथो की लकीरों से
हूबहू मिलती है
कौन कहता है खुदा आजकल
रिश्ते नहीं बनाता
हाथ थाम मेरा
इन लकीरों को पनाह दे
कौन कहता है किस्मत को
यूँ कैद किया नहीं जाता। :)
मेरे हाथो की लकीरों से
हूबहू मिलती है
कौन कहता है खुदा आजकल
रिश्ते नहीं बनाता
हाथ थाम मेरा
इन लकीरों को पनाह दे
कौन कहता है किस्मत को
यूँ कैद किया नहीं जाता। :)
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