वो आज भी उसके नाम की
कसमों से घबराता है ,
वो चाँद से मन्नत में
उसको ही तो चाहती है ।
वो यारों में आज भी
उसका जन्मदिन मनाता है ,
वो मेहँदी में आज भी
उसका नाम छिपाती है ।
वो बंद अकेले कमरे में
रोता है - चिल्लाता है ,
वो TEDDY को नम आँखों से
उसकी कहानियाँ सुनाती है ।
वो सोचता है
खुश होगी वो शायद
उसके यूँ चले जाने से ,
वो आज भी
समाज की
हदों में बंध जाती है।
| People do separate, love not.
कसमों से घबराता है ,
वो चाँद से मन्नत में
उसको ही तो चाहती है ।
वो यारों में आज भी
उसका जन्मदिन मनाता है ,
वो मेहँदी में आज भी
उसका नाम छिपाती है ।
वो बंद अकेले कमरे में
रोता है - चिल्लाता है ,
वो TEDDY को नम आँखों से
उसकी कहानियाँ सुनाती है ।
वो सोचता है
खुश होगी वो शायद
उसके यूँ चले जाने से ,
वो आज भी
समाज की
हदों में बंध जाती है।
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