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Wednesday, 14 May 2014

क्यूंकि तुम

क्यूंकि तुम
6 lane के खाली highway पे
एक सुपरबाइक की तरह हो
अब इश्क की topspeed पे
सिर्फ दौड़ना चाहता हूँ मैं

क्यूंकि तुम
बन्दूक की नली से निकली
वो आखिरी bullet हो
जो मेरे दिल में छेद कर
अब वहीँ बस गई है

क्यूंकि तुम
हिमालय से निकली
पवित्र गंगा की झील हो
बिल्लोर* सा मन, तिलिस्म सा बदन लिए
सांसारिक संगम से दूर
मेरे लिए बह रही हो

क्यूंकि तुम्हारी रूह
और मेरी रूह का मिलन
अब किसी तंत्र-मन्त्र और विद्या से
अलग नहीं किया जा सकता

क्यूंकि तुम
और मैं मिलकर
अब शून्य हो गए है
जिसका धरती पर कोई भी
भाग नही कर सकता। :)

बिल्लोर - crystal

कुछ कम ही सही, मुझे अपना कर दो

मुक्कमल मिलन का
हर सपना कर दो
कुछ कम ही सही
मुझे अपना कर दो

रात के कालीन में
शर्म दबा के रखकर
अपने होठों से
इन होंठो पे
चुटकी भर अफीम तुम मल दो
कुछ कम ही सही
मुझे अपना कर दो

लफ्जों को कह दो
जरा मौन होकर बैठे
धड़कन से धड़कन की
ख़ैर-औ-खबर लो

कुछ कम ही सही
मुझे अपना कर दो! :)