ये रात बड़ी कमीनी चीज़ है ,
चाँद का लट्टू जलाकर
सितारों की चादर देकर
रूमानी कर देती है
फिर
अपना डर ऐसा फैलाया हुआ है
की महबूबा आने से डरती है
और जब हम
उसके ख्वाबो का तकिया बनाकर
उसके लफ्जों को झूठा करते हुए
उसके बदन की चादर ओढ़ते हैं
तो न जाने कहाँ से
लाख वाट का लट्टू जलाकर
कोनसे मुल्क निकल जाती है ,
ये रात बड़ी कमीनी चीज़ है | :)
चाँद का लट्टू जलाकर
सितारों की चादर देकर
रूमानी कर देती है
फिर
अपना डर ऐसा फैलाया हुआ है
की महबूबा आने से डरती है
और जब हम
उसके ख्वाबो का तकिया बनाकर
उसके लफ्जों को झूठा करते हुए
उसके बदन की चादर ओढ़ते हैं
तो न जाने कहाँ से
लाख वाट का लट्टू जलाकर
कोनसे मुल्क निकल जाती है ,
ये रात बड़ी कमीनी चीज़ है | :)