Tapish Khandelwal
A poetic enthusiastic, who tryst with words and laid down his odyssey.
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Thursday, 30 August 2012
हंगामा
लव का alpha - beta - gama , समझ नहीं आया |
उसने प्यार किया या drama, समझ नहीं आया |
इश्क - ऐ - इज़हार ही तो किया था
फिर क्यूँ हुआ हंगामा समझ नहीं आया ||
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